तीन साल के छोटे कार्यकाल में भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने देश में विकास को वो गति दे दी है, जिसके लिए देश अबतक तरसता ही रह गया था। देश के चहुंमुखी विकास और देश के नागरिकों के हर संभव कल्याण के लिए मोदी सरकार ने ढेरों कदम उठाए हैं। इन कार्यक्रमों पर पिछले तीन साल में जिस तरह से काम हुआ है उससे उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में भारत विकासशील देश के ठप्पे को मिटाकर विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा हो जाएगा। देश को बदलाव की दिशा में बढ़ाने के पीछे एकमात्र सोच और विजन खुद पीएम मोदी का है, जिनकी दूरदृष्टि के सहयोग से 2022 तक अपना भारत न्यू इंडिया में परिवर्तित हो चुका होगा।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
महिला सशक्तिकरण की दिशा में ये योजना बहुत ही सफल और लोकप्रिय साबित हो रही है। इसके तहत गरीब परिवार की महिलाओं को केंद्र सरकार की ओर से निशुल्क एलपीजी कनेक्शन दिए जाने की व्यवस्था है। इस स्कीम के तहत कुल 5 करोड़ गरीब परिवारों के एलपीजी कनेक्शन दिए जाने हैं, ताकि माताएं और बहनों की सेहत की सुरक्षा हो सके। अब तक इस स्कीम के तहत 2.20 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। मोदी सरकार की अकेली इस योजना ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाली महिलाओं की अब जीवन के प्रति नजरिया ही बदल कर रखा दिया है। मोदी जी ने करोड़ों महिलाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट और सेहत दुरुस्त करने का काम किया है। अगर देश की महिलाएं और बच्चे स्वस्थ होंगे तो भारत भी सेहत मंद होगा और इस योजना के पीछे पीएम मोदी की यही दूर-दृष्टि काम कर रही है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की रूपरेखा गिरते शिशु लिंगानुपात के समाधान के लिए बनाई गई है। प्रारंभ में 2015 में, चुने हुए 100 जिलों में यह योजना शुरू की गई। यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक त्रि- मंत्रिस्तरीय पहल है। 19 अप्रैल 2016 को 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कम लिंगानुपात वाले 61 अतिरिक्त जिलों में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम' (BBBP) की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना के पहले साल में BBBP जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। BBBP जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में न्यूनतम 10 अंकों की वृद्धि का लक्ष्य है और अगले पांच सालों में धीरे-धीरे इसे और अधिक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना से कुछ अन्य उपलब्धियां भी हासिल हुईं हैं, जिसमें बालिकाओं के स्कूल ड्रॉपआउट में गिरावट, 100 प्रतिशत संस्थागत प्रसव, हर गांव में गुड्डा-गुड़िया बोर्ड का गठन, लड़कियों/महिलाओं की सुरक्षा एवं स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालयों की व्यवस्था भी शामिल है।
सुकन्या समृद्धि योजना
बेटी घर की लक्ष्मी है। शक्ति स्वरूपा है। बेटी की पढ़ाई और उसकी शादी आप टेंशन फ्री होकर कर सकें इसके लिए सरकार हर कदम आपके साथ है। पैसे की टेंशन को दूर करने के लिए मोदी सरकार की स्कीम है सुकन्या समृद्धि योजना। देश की बेटी आत्मनिर्भर बने और तरक्की करे, इसके लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कैंपेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी। अब देश की हर बच्ची का भविष्य सुरक्षित रहेगा और उसका अपना एक सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट होगा। अकाउंट खुलवाना काफी आसान है। आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में बेटी के नाम से खाते खुलवाने होते हैं। आमतौर पर जिस बैंक में पीपीएफ अकाउंट खुलते हैं, आप वहां बेटी के लिए सुकन्या समृद्धि योजना खाता खुलवा सकते हैं। ये योजना बालिकाओं के सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए बनाई गई है, जिसके तहत उन्हें पूरी शिक्षा और 18 साल की होने पर शादी के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। ये योजना बालिकाओं और उनके माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू की गई है, जिसमें छोटे निवेश पर ज्यादा ब्याज दर का इंतजाम है।
स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान आज स्वतंत्र भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण जन आंदोलन बन चुका है। देश को स्वच्छ करने की जो पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं सोचा था। अभियान की शुरुआत करते हुए उस दिन श्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकता है।” स्वच्छ भारत अभियान के शुरू हुए अभी करीब ढाई साल ही हुए हैं, लेकिन स्वच्छता के प्रति देश सजग हो गया है, साफ-सफाई के प्रति सोच बदल गई है। इस योजना के तहत देशभर के गांवों में करीब 4 करोड़ घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है और लगभग 2 लाख गांव खुले में शौच से मुक्ति पा चुके हैं। जबकि शहरों में 31 लाख से अधिक घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है और एक लाख 15 हजार से ज्यादा सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हुआ है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
अपना खुद का घर होना हर इंसान का एक सपना होता है। लोगों के इसी उम्मीद को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2022 तक सबको घर देने का वादा किया है। ये योजना मिशन मोड में जारी है। सरकार लोगों को सस्ते घर बनवाकर भी दे रही है और घर खरीदने में भी मदद देने को तैयार बैठी है। मोदी सरकार की सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से ये योजना भी एक है। इसके तहत शहरों में अबतक करीब 7 लाख पक्के घरों का निर्माण हो चुका है। जबकि ग्रामीण इलाकों में ये योजना पूरे युद्धस्तर पर जारी है।