पांचवां चरण : भाजपा की अग्निपरीक्षा

प्रदेश के पांचवे   चरण में हो रहे चुनाव में फिलहाल भाजपा,सपा-बसपा-रालोद गठबंधन और कांग्रेस के बीच कांटे की लड़ाई है। पांचवें चरण में धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज और गोण्डा आदि 14 लोकसभा सीटों पर 6 मई को मतदान होना है। इनमें से 12 सीटों पर भाजपा तो दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। एक तरह से पांचवें चरण के चुनाव में भाजपा की अग्निपरीक्षा होनी है। कांग्रेस और गठबंधन को अपनी सीटें बढ़ाने के लिए कड़े संघर्ष की जरूरत है। फिलहाल पांचवें चरण का चुनाव काफी रोचक दौर में है।पांचवें चरण में धौरहरा वीआईपी सीट भी है। यहां से कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने अपनी वर्तमान सांसद रेखा वर्मा को फिर मौका दिया है। सपा-बसपा गठबंधन ने अरशद इलियास सिद्दीकी को टिकट दिया है। 2014 के चुनाव में भाजपा की रेखा वर्मा को 3 लाख 60 हजार मत मिले थे। उनके प्रतिद्वन्दी बसपा के दाउद अहमद को 2 लाख 34 हजार 682 मत मिले थे। इस सीट पर 2014 में तीसरे स्थान पर सपा के आनन्द भदौरिया थे, जिन्हें 2 लाख 34 हजार 32 वोट मिले थे। कांग्रेस के जितिन प्रसाद को मात्र 1 लाख 70 हजार मत मिले थे। लेकिन इस बार गठबंधन से अरशद इलियास सिद्दीकी, कांग्रेस से जितिन प्रसाद और भाजपा की वर्तमान सांसद रेखा वर्मा मजबूती से चुनाव लड़ रही हैं। यहां शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा ने दस्यु सरगना रहे मलखान सिंह को टिकट देकर चुनाव रोचक बना दिया है। पांचवे चरण में ही दूसरी वीआईपी सीट सीतापुर है, जहां से भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद राजेशवर्मा को टिकट दिया है। वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने बसपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नकुल दुबे और कांग्रेस ने कैसर जहां को टिकट दिया है। 2014 में यहां से भाजपा के राजेशवर्मा को 4 लाख 17 हजार 546 वोट मिले थे। तत्कालीन बसपा प्रत्याशी और वर्तमान में कांग्रेस प्रत्याशी कैसरजहां को 3 लाख 66 हजार 519 वोट मिले थे। इस सीट पर उस समय सपा के भारत त्रिपाठी को 1 लाख 56 हजार 170 मत मिले थे। लेकिन इस बार भाजपा, कांग्रेस और बसपा के बीच लड़ाई सिमट गयी है। यही हाल मोहनलालगंज सुरक्षित लोकसभा सीट का भी है। इस सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद कौशल किशोर को टिकट दिया है। कांग्रेस ने आर.के.ाौधरी और गठबंधन ने सीएल वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे ही राजधानी लखनऊ में भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद एवं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। गठबंधन ने फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को और कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम को प्रत्याशी बनाया है। लड़ाई रोमांचक दौर में है। अटल बिहारी बाजपेयी की इस सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।इसी तरह वीआईपी सीट रायबरेली है। कांग्रेस ने अपनी वर्तमान सांसद सोनिया गांधी को पांचवी बार चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने कांग्रेस से ही एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दे दिया है। गठबंधन ने यहां से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। यहां लड़ाई कांग्रेस बनाम भाजपा हो गयी है। कुछ इसी तरह की स्थिति अमेठी लोकसभा सीट की भी है। यहां कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान सांसद राहुल गांधी को चौथी बार चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। श्रीमती ईरानी ने 2014 का लोकसभा चुनाव भी अमेठी स ही लड़ा था, लेकिन हार गयी थीं। बांदा लोकसभा सीट से गठबंधन ने इलाहाबाद के भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्ता को टिकटदे दिया है। कांग्रेस ने बालकुमार पटेल टिकट दिया है। भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा का टिकट काटकर 2014 में बसपा प्रत्याशी रहे आर. के. सिंह पटेल को टिकट दिया है। 2014 में भौरो प्रसाद मिश्र को 3 लाख 42 हजार 66 मत मिले थे, वहीं बसपा के आर.के.पटेल को 2 लाख 26 हजार मत मिले थे।कुछ इसी तरह का हाल फतेहपुर सीट का भी है। इस सीट पर भाजपा ने वर्तमान सांसद निरंजन ज्योति को टिकटदिया, है। कांग्रेस ने राकेशसचान को और गठबंधन ने शुकदेव प्रसाद वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। लड़ाई रोमांचक हो गयी है। वीआईपी लोकसभा सीट कौशाम्बी सुरक्षित से भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर को जहां दोबारा टिकट दिया है। कांग्रेस ने गिरीश चंद्र पासी और गठबंधन ने बसपा के पूर्व दिग्गज रहे इंद्रजीत सरोज को मैदान में उतारा है। यहां जनसत्ता दल पार्टी ने पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार को टिकटदिया है। इस सीट पर लड़ाई त्रिकोणात्मक है। वीआईपी सीट बाराबंकी सुरक्षित से इस बार गठबंधन ने सपा के राम सागर रावत को तो भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद का टिकट काटकर विधायक उपेन्द्र रावत और कांग्रेस ने राज्य सभा सांसद पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को चुनाव मैदान में उतारकर लड़ाई को त्रिकोणात्मक बना दिया है। इस वीआईपी सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। फैजाबाद सीट से इस बार गठनबंधन के तहत सपा ने पूर्व राज्यमंत्री आनन्द सेन को टिकट दिया है। भाजपा ने वर्तमान सांसद लल्लूू सिंह को दोबारा और कांग्रेस ने पूर्व सासंद निर्मल खत्री को टिकट देकर लड़ाई त्रिकोणात्मक बना दिया है। बहराइच सुरक्षित सीट से गठबंधन ने शाबिर बाल्मीकि को उतारा है। भाजपा ने अक्षेश्रर लाल गौड़ और कांग्रेस ने वर्तमान भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले को चुनाव मैदान में उतार दिया है। वर्तमान सांसद भाजपा और गठबंधन दोनों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। 2014 के चुनाव में यहां से सावित्री बाई फुले को 4 लाख 32 हजार 392 मत मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी के शाबिर बाल्मीकि को 3 लाख 36 हजार 747 मत मिले थे। इसके अलावा बसपा के डा. विजय कुमार को यहां 96 हजार 904 मत मिले थे जिससे लड़ाई यहां दिलचस्प हो गयी है। इसी तरह कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह को दोबारा प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व सांसद विनय कुमार पाण्डेय ऊर्फ बिन्नू और गठबंधन ने चंद्र देव राम को टिकटदिया है। यहां 2014 के चुनाव में भाजपा के बृजभूषण शरणसिंह को जहां 3 लाख 81 हजार 500 मत मिले थे। इस बार के चुनाव में विनोद कुमार सिंह कैसरगंज से सपा प्रत्याशी नहीं हैं। वे गोण्डा लोकसभा सीट से गठबंधन के प्रत्याशी हैं। भाजपा ने गोण्डा से वर्तमान सांसद कीर्ति वर्धन सिंह को ही दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने श्रीमती कृष्णा पटेल को चुनाव मैदान में उतारकर लड़ाई रोचक बना दिया है।