18 वर्षो बाद मिलेंगे राजकीय इण्टर कॉलेज में प्रधानाचार्य

शासन के पत्रांकः65/अरसठ़-1-19-881/2017 बेसिक शिक्षा अनुभाग-1 लखनऊ, दिनांक 05 सितम्बर, 2019 का अवलोकन करने की महती कृपा करें, जिसमें उत्तर प्रदेश  शैक्षिक सेवा समूह ''ख'' उच्चतर पदों पर पदोन्नति की डी0पी0सी0 कराने के  सम्बन्ध में गोपनीय आख्या, पात्रता सूची, ब्राडसीट, अर्हकारी सेवा पूर्ण न कर रहे हो तो उनके षिथिलीकरण का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश  दिए गये है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि दिनांक 17.01.2018 को लोक सेवा आयोग इलाहाबाद में चयन समिति की बैठ़क आहूत की गयी थी जिस पर माननीय उच्य न्यायालय इलाहाबाद में वाद योजित है लेकिन माननीय न्यायालय ने पदोन्नति के माध्यम से चयन किए जाने हेतु कोई रोक नही लगायी गयी है।


शासन ने यह भी अवगत कराया है कि समूह ''ख'' उच्चतर प्रधानाचार्य के लगभग अधिकांष पद रिक्त हैं शासन ने पदोन्नति के लिए डी0पी0सी0 निर्धारित किए जाने हेतु अपने पत्र दिनांक 06.11.2018, 16.11.2018  तथा 11.01.2019 द्वारा आपको भी पात्रता सूची एवं गोपनीय आख्या का विवरण उपलब्ध कराये जाने निर्देष दिए गये थे, जो अद्यतन अप्राप्त है।


 संगठन द्वारा प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन कराने और हो चुकी डी0पी0सी0 के अधिकारियों का पदस्थापन कराने हेतु षासन एवं आपके स्तर पर तमाम पत्र दिए जा चुके हैं जिस पर माननीय उप मुख्यमंत्री जी एवं उच्चाधिकारियों के आदेश  भी हुए है लेकिन न तो पदस्थापन हुए और न ही पदोन्नति के सम्बन्ध में डी0पी0सी कराने के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही की गयी है ये स्थिति तब है जबकि प्रदेश  मे प्रधानाचार्य के लगभग 95 प्रतिषत के पद रिक्त हैं। पदोन्नति न होने से जहाॅ शिक्षक एवं अधिकारियों मे कुण्ठा की भावना व्याप्त हो रही वहीं प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति न होने कारण निष्चित रूप से षिक्षा की गुणवत्ता में आषातीत परिणाम प्राप्त नही हो पा रहें होगें।