बेसिक शिक्षा में गढ़ित हुआ महानिदेशक पद

मिली मंजूरी महानिदेशक के अधीन होंगे बेसिक शिक्षा के पांचों निदेशालय



 लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन पांच निदेशालय/प्राधिकरण अब एक छतरी के नीचे होंगे। इन पांचों निदेशालयों पर अब महानिदेशक, स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) का कार्यकारी, प्रशासकीय और वित्तीय नियंत्रण होगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा का पद सृजित किए जाने के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इस पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऐसे अफसर की तैनाती की जाएगी जो कम से कम सचिव या समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक के समकक्ष स्तर का होगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर पांचों निदेशालयों के बीच समन्वय और उनकी निगरानी की जिम्मेदारी होगी।


बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन पांच निदेशालय/प्राधिकरण स्थापित हैं। इनमें बेसिक शिक्षा निदेशालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय, समग्र शिक्षा अभियान राज्य परियोजना कार्यालय और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण शामिल हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक, एससीईआरटी और साक्षरता निदेशालय के निदेशकों के पद संवर्गीय हैं जबकि समग्र शिक्षा अभियान और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक पर वर्तमान में आइएएस अफसर तैनात हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित इन पांचों निदेशालयों का स्वतंत्र अस्तित्व है। इनके निदेशकों के क्षेत्रधिकार अपने निदेशालय तक ही सीमित हैं। इससे निदेशालयों में परस्पर समन्वय और संपर्क अपेक्षित स्तर का नहीं है। विभिन्न निदेशालयों और इनके प्रशासकीय विभाग के बीच भी अलग-अलग संपर्क व समन्वय होता है। इस वजह से प्रशासकीय विभाग और निदेशालयों के बीच प्रभावी समन्वय, प्रशासनिक नियंत्रण और निगरानी की समस्या बनी रहती है। विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों व फं¨डग के लिए भी अलग-अलग निदेशालय जिम्मेदार हैं। सभी योजनाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं जिनका क्रियान्वयन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और उनके अधीनस्थ शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी करते हैं। शासन स्तर पर यह महसूस किया गया कि बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिष्ठान और कार्यदायी एजेंसियों पर एक प्राधिकारी का नियंत्रण होना जरूरी है।


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