फर्जी शिक्षकों की पहचान में आएगी तेजी, ऑनलाइन ब्यौरा हुआ दर्ज


फर्जी शिक्षकों की पहचान करने में अब तेजी आएगी। बेसिक शिक्षा विभाग के तहत बन रहे मानव संपदा पोर्टल पर 95 फीसदी शिक्षकों का ब्यौरा दर्ज हो चुका है। इस ब्यौरे से फर्जी अभ्यर्थियों के ब्यौरे का मिलान किया जा रहा है। 
यह मामला 2017 से चल रहा है लेकिन अभी तक 4570 अभ्यर्थियों में से केवल 1388 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हो सकी है। 
ऑनलाइन ब्यौरे से होगा मिलान :
बेसिक शिक्षा विभाग अपने सभी कर्मचारियों-शिक्षकों का एक ऑनलाइन डाटा तैयार कर रहा है। इस मानव संपदा पोर्टल पर 95 फीसदी शिक्षकों का ब्यौरा दर्ज हो चुका है। 15 अक्टूबर तक शत-प्रतिशत ब्यौरा इस पर दर्ज होना है। इस ब्यौरे से फर्जी अभ्यर्थियों की सूची से नाम, पिता का नाम व अन्य ब्यौरे का मिलान किया जा रहा है। इस मिलान के बाद कार्रवाई के लिए सूची जिलों में भेजी जाएगी। 


अभी तक थी लम्बी प्रक्रिया: 
अभी तक फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए शासन स्तर से लेकर बेसिक शिक्षा परिषद तक से पत्र जारी होते रहते हैं लेकिन चिह्नांकन का काम जिलों में हो रहा था। कई बार पत्र जारी करने के बाद भी यह प्रक्रिया काफी लचर तरीके से चल रही थी। जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों तक ऐसे शिक्षकों की नौकरी बचाने का 'खेल' किया जा रहा है। बुधवार को सिद्धार्थनगर के बीएसए के स्टेनो की गिरफ्तारी भी इसी आरोप में हुई है।  


अधिकारी पर कार्रवाई होगी:
  विभागीय अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा है कि चिह्नित किये जा चुके फर्जी शिक्षकों का वेतन रोकने, एफआईआर करवाने व उन्हें बर्खास्त आदि में कोई प्रक्रियात्मक दोष नहीं होना चाहिए। इस कारण यदि न्यायालयों से फर्जी शिक्षकों को कोई राहत मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं जहां पर ऐसे शिक्षक हाईकोर्ट से स्थगन आदेश ले आये हैं तो मजबूत पैरवी कर उन्हें हटवाया जाए। 


teacher recruitment  symbolic image