प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन हेतु शासन ने मांगी गोपनीय आख्या

1- राजकीय विद्द्यालो को 18 वर्षो बाद मिलेंगे  प्रधानाचार्य शासन ने जारी किया पत्र I


2-संगठन ने प्रधानाचार्य पदों पर हो  चुकी डी0पी0सी0  पदस्थापन कराने हेतु लिखा पत्र I


3-संगठन ने शासन के पत्रानुपालन गोपनीय आख्या मंगाने हेतु निदेशक माध्यमिक शिक्षा को लिखा पत्र I


राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 95 प्रतिशत पद रिक्त चल रहें है लगभग 18 वर्शो से प्रमोशन नहीं हो पाए हैं जनवरी 2018 में प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन हेतु डी0पी0सी0 हुई मामला माननीय न्यायालय में लम्बित होने के कारण पदस्थापन नहीं हुआ जानकारी में आया है कि माननीय न्यायालय ने चयन प्रक्रिया पर कोई रोक नही लगायी केवल अगले लिस्टिंग डेट तक लिस्ट प्रसारित करने पर रोक लगायी थी लेकिन अभी तक पदस्थापन नही हुआ। उत्तर प्रदेश  शैशिक (समान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह ''ख'' उच्चतर के 800 प्रधानाचार्य, 164 बी0एस0ए0/सह जिलाविद्यालय निरीक्षक, 420 वरिष्ठ प्रवक्ता डायट के कुल 1384 पद हैं जिसमें 50 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत प्रमोशन कोटा विद्यमान है डायट की अलग नियमावली बन गयी है इसलिए यदि राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य के पदों को लिया जाय तो प्रमोशन के पदों की संख्या 400 बनती है जिन पर राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाध्यापिकाओं तथा उप प्रधानाचार्यो से प्रमोशन  होना है I


राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश  के प्रांतीय अध्यक्ष पारस नाथ पाण्डेय एवं प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला ने शासन के पत्र 65/अरसठ़-1-19-881/2017 बेसिकशिक्षा अनुभाग-1 लखनऊ, दिनांक 05 सितम्बर, 2019 के आलोक में प्रमोशन हेतु निदेशक माध्यमिक शिक्षा को पत्र भी लिखा हैं जिस पर निदेशक ने अपर शिक्षा निदेशक को शासन के पत्र पर तत्काल प्राथमिकता पर पदोन्नति की डी0पी0सी0 कराने के  सम्बन्ध में गोपनीय आख्या, पात्रता सूची, ब्राडसीट, अर्हकारी सेवा पूर्ण न कर रहे हो तो उनके शिथिलीकरण का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश  दिए गये है। शासन के पत्र  में यह भी उल्लेख किया गया है कि दिनांक 17.01.2018 को लोक सेवा आयोग इलाहाबाद में चयन समिति की बैठ़क आहूत की गयी थी जिस पर माननीय उच्य न्यायालय इलाहाबाद में वाद योजित है लेकिन माननीय न्यायालय ने पदोन्नति के माध्यम से चयन किए जाने हेतु कोई रोक नही लगायी गयी है। शासन ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को पत्र में यह भी लिखा कि समूह ''ख'' उच्चतर प्रधानाचार्य के लगभग अधिकांश  पद रिक्त हैं शासन ने पदोन्नति के लिए डी0पी0सी0 निर्धारित किए जाने हेतु अपने पत्र दिनांक 06.11.2018, 16.11.2018  तथा 11.01.2019 द्वारा आपको भी पात्रता सूची एवं गोपनीय आख्या का विवरण उपलब्ध कराये जाने निर्देश  दिए गये थे, जो अद्यतन अप्राप्त है।


 संगठन ने इस संबध में बताया  द्वारा प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन कराने और हो चुकी डी0पी0सी0 के अधिकारियों का पदस्थापन कराने हेतु शासन एवं निदेशक स्तर पर तमाम पत्र दिए जा चुके हैं जिस पर माननीय उप मुख्यमंत्री जी एवं उच्चाधिकारियों के आदेश  भी हुए है लेकिन न तो पदस्थापन हुए और न ही पदोन्नति के सम्बन्ध में डी0पी0सी कराने के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही की गयी है ये स्थिति तब है जबकि प्रदेश मे प्रधानाचार्य के लगभग 95 प्रतिशत के पद रिक्त हैं। पदोन्नति न होने से जहाॅ शिक्षक एवं अधिकारियों मे कुण्ठा की भावना व्याप्त हो रही वहीं प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति न होने कारण  गुणवत्ता में आशातीत परिणाम प्राप्त नही हो पा रहें होगें। संगठन ने प्रधानाचार्य पदों पर हो चुकी डी0पी0सी से पदस्थपन एवं  शेष रिक्त पदों पर पदोन्नति की डी0पी0सी कराने  हेतु गोपनीय आख्या मंगाने का अनुरोध भी किया है शासन एवं निदेशक महोदय के पत्र संलग्न है


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