शरद पूर्णिमा 13 October 2019*

आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है। जानिए शरद पूर्णिमा की रात इतनी खास क्यों है, इससे जुड़े विभिन्न पहलू व मनोवैज्ञानिक पक्ष-



चंद्रमा से बरसता है अमृत*



शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई बीमारियों का नाश कर देती हैं। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात को लोग अपने घरों की छतों पर खीर रखते हैं, जिससे चंद्रमा की किरणें उस खीर के संपर्क में आती है, इसके बाद उसे खाया जाता है। कुछ स्थानों पर सार्वजनिक रूप से खीर का प्रसाद भी वितरण किया जाता है।



 



*भगवान श्रीकृष्ण ने रचाया था रास*



शरद पूर्णिमा से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि में यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन जाग रहा है और जो जाग रहा है महालक्ष्मी उसका कल्याण करती हैं तथा जो सो रहा होता है वहां महालक्ष्मी नहीं ठहरतीं। शरद पूर्णिमा को रासलीला की रात भी कहते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को ही भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था।





इस रात को हजार काम छोडकर कम-से-कम १५ मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लेना, ज्यादा लो तो हरकत नहीं | छत या मैदान में विद्युत् का कुचालक आसन बिछाकर चन्द्रमा को एकटक देखना | अगर मौज पड़े तो आप लेट भी सकते हैं | श्वासोच्छ्वास के साथ भगवन्नाम और शांति को भरते जायें, नि:संकल्प नारायण में विश्रांति पायें



शरद पूर्णिमा के दिन खीर खाने के लिए वर्ष में एक बार योग आता है।



शरद पूर्णिमा - खीर - अस्थमा



 



शरद पूर्णिमा के रात को चन्द्रमा की कान्ति में खीर रख कर खाने का विधान है ..इसी खीर में एक जडीबुटी का चूर्ण मिला कर खाने से जीवन भर के लिए दमा या अस्थमा रोग से छुटकारा मिल जाता है .. कई लोग मोटी रकम वसूलते है इस चूर्ण को बहुत टाप सीक्रेट रखा गया है .... क्या आपको पता है वो कौनसी जड़ीबूटी का चूर्ण है ?? ..



 



.. और वह जड़ीबूटी है अर्जुन वृक्ष की छाल का चूर्ण ..इसे चांदी के कटोरे में लगभग १-२ तोले चूर्ण डाल कर खीर चांदनी में रखना चाहिए और प्रातः ३-४ बजे सेवन करे और अगले चौबीस घंटो तक न सोये ..!



*शरद पूनमः चन्द्र-दर्शन शुभ*



 



*इस रात को हजार काम छोड़कर 15 मिनट चन्द्रमा को एकटक निहारना। एक-आध मिनट आँखें पटपटाना। कम-से-कम 15 मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लेना, ज्यादा करो तो हरकत नहीं। इससे 32 प्रकार की पित्तसंबंधी बीमारियों में लाभ होगा, शांति होगी।*



 



*फिर छत पर या मैदान में विद्युत का कुचालक आसन बिछाकर लेटे-लेटे भी चंद्रमा को देख सकते हैं।*



👁 *जिनको नेत्रज्योति बढ़ानी हो वे शरद पूनम की रात को सूई में धागा पिरोने की कोशिश करें।*



 



*इस रात्रि में ध्यान-भजन, सत्संग कीर्तन, चन्द्रदर्शन आदि शारीरिक व मानसिक आरोग्यता के लिए अत्यन्त लाभदायक हैं।*



 



*शरद पूर्णिमा की शीतल रात्रि में (9 से 12 बजे के बीच) छत पर चन्द्रमा की किरणों में महीन कपड़े से ढँककर रखी हुई दूध-पोहे अथवा दूध-चावल की खीर अवश्य खानी चाहिए। देर रात होने के कारण कम खायें, भरपेट न खायें, सावधानी बरतें।*