बच्चों को तनाव से बचाने के लिए गुरु मंत्र


स्वास्थ्य विभाग ने निजी-सरकारी शिक्षकों के लिए शुरू किया स्ट्रेस मैनेजमेंट का प्रशिक्षण


 लखनऊ:बच्चों को तनाव से उबारने के लिए सरकारस क्रिय हो चुकी है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग भी बुधवार से मैदान में उतर आया। बच्चों को मानसिक तनाव से उबारने के लिए शहर के शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू कर दिवा। यही नहीं, प्रदेशभर के स्कूलों में एक अध्यापक को ट्रेनिंग देकर 'नोडल मेंटल हेल्थ' नामित करने के फैसले पर भी मुहर लग गई। सीएमओ कार्यालय में स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रशिक्षण की पहली कार्यशाला हुई। इस दौरान 70 सरकारी व निजी स्कूलों से एक-एक शिक्षक शामिल हुए। राज्य नोडल ऑफीसर मेंटल हेल्थ डॉ. सुनील पांडेय ने बच्चों को मानसिक रोगों से बचाने के उपाय बताए। शिक्षकों को उनमें तनाव के लक्षण समझने, निदान व मनारोग की गिरफ्त से बचाव के तरीके विस्तार से समझाए। इस दौरान केजीएमयू के पूर्व सीएमएस व वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. एससी तिवारी, मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. पीके दलाल, सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने भी शिक्षकों को मेंटल फर्स्ट एड, लाइफ स्किल ट्रेनिंग फॉर टीन एजर की जानकारी दी। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि स्कूल में बच्चे सात घंटे के करीव रहते हैं। ऐसे में शिक्षक ही बच्चों के सबसे करीब होते हैं। वह बच्चों में हावी हो रहे तनाव को जल्द समझ सकते हैं। इस प्रशिक्षण के बाद बच्चों को तनाव से मुक्त रखने में काफी मदद मिलेगी। इस दौरान बच्चों की समस्याओं की केस हिस्ट्री पर भी चर्चा की जाएगी और उनका समाधान बताया जाएगा।


शहर के 2,600 स्कूल चयनित


राज्य नोडल ऑफीसर मेंटल हेल्थ डॉ. सुनील पांडेय के मुताबिक, लखनऊ के 2600 स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें एक-एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा।


इनमें 1600 सरकारी और 1000 निजी स्कूल है। इसके अलावा राज्य के सभी जनपदों के सीएमओ को शिक्षकों को स्ट्रेस मैनेजमेंट का प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया है।