चतुर्थ श्रेणी के नई पदों की भर्ती पर रोक लगाने की तैयारी में योगी सरकार


प्रदेश सरकार चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के साथ-साथ विशिष्ट तकनीकी कार्य के लिए सृजित माली, मिस्त्री, मैकेनिक, प्लंबर जैसे कई पदों पर नई नियुक्तियां रोकने पर विचार कर रही है। साथ ही चिकित्सा एवं पुलिस को छोड़कर अन्य विभागों में नए पदों के सृजन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा खर्चों में कटौती के लिए सरकार अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की तैयारी है। 


सूत्रों ने बताया कि सरकार संसाधनों का अधिकतम उपयोग विकास कार्यों में करने, सरकारी खर्चों में फिजूलखर्ची रोकने और कंप्यूटरीकरण की वजह से सरकारी सिस्टम में जहां भी मानव संपदा की कमी संभव है, उसे चिह्नित कर कम करने पर विचार कर रही है  पूर्व में इस तरह के निर्णय कई बार हुए, पर ठीक से अमल नहीं हुआ। सूत्र के मुताबिक चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित भर्ती पर रोक पहले से है। मौजूदा सरकार विशिष्ट तकनीकी कार्यों के लिए सृजित वाहन चालक, माली, वायरमैन, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मिस्त्री, लिफ्टमैन, एसी मैकेनिक की सभी सेवाएं आउटसोर्सिंग से कराने की छूट देने की योजना है  अपरिहार्य होने पर कार्यों को वाह्य एजेंसी या सेवा प्रदाता आदि से इस शर्त पर कांट्रैक्ट कर भर्तियां करने का विकल्प दिया जा सकता है कि आउटसोर्सिंग के लिए विभाग वित्तीय वर्ष में आवंटित बजट की सीमा से अधिक खर्च नहीं करेंगे। इसके लिए पुनर्विनियोग जैसे कदम भी नहीं उठाए जा सकेंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव जल्द ही निर्देश जारी कर सकते हैं। 


सलाहकार व अध्यक्ष के साथ नियमित की जगह लगाएंगे सरप्लस स्टाफ



विभिन्न विभागों में सलाहकार, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सदस्य आदि अस्थायी पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं। इन पदों के लिए सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था के लिए पद सृजन पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव है। इन महानुभावों के सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था सरप्लस स्टाफ या आउटसोर्सिंग से करने की अनुमति देने का विचार है। 

फर्नीचर, साज-सज्जा पर फिजूलखर्ची भी रोकेंगे


शासन से विभागाध्यक्ष कार्यालयों तक  एकअफसर के जाने के  बाद दूसरे के आते ही फर्नीचर से लेकर सोफा, कुर्सी व अन्य साज-सज्जा नए सिरे से किए जाने की रवायत है। केवल इस कारण कि अधिकारी बदल गया है, नया फर्नीचर व साज-सज्जा की व्यवस्था पर रोक लगाने की तैयारी है।



वाहन व ईंधन के दुरुपयोग पर भी नजर


वाहन के रखरखाव व पेट्रोल-डीजल पर होने वाली फिजूलखर्ची रोकी जाएगी। निजी वाहन व सरकारी वाहन के ईंधन खपत में अंतर की बात जब-तब चर्चा का विषय बनती रही है। वाहन अनुरक्षण व ईंधन पर स्वीकृत खर्च किसी भी दशा में न बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसी तरह यदि सरकारी काम के लिए टैक्सी अनुबंध पर लेने का प्रस्ताव है तो तय प्रक्रिया अपनाकर ही ली जाएगी। किसी भी परिस्थिति में निजी वाहन को अनुबंध पर नहीं लिया जा सकेगा। पंजीकृत टैक्सी वाहन ही लिए जाएंगे। 

स्टेशनरी खर्च कम करने की भी योजना


सरकारी सिस्टम में ई-मेल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी नई सुविधाओं के इस्तेमाल के बावजूद स्टेशनरी खर्च बढ़ रहा है। इन सुविधाओं का अधिकतम उपयोग कर स्टेशनरी का प्रयोग सीमित करने की योजना है। इससे अनावश्यक बैठकों में आवाजाही कम होगी और यात्रा खर्च भी कम किया जा सकेगा। फरवरी-मार्च में तत्काल आवश्यकता के अलावा उपकरण, मशीन व स्टेशनरी आदि की खरीद पर रोक का प्रस्ताव है।


state government put stay to recruitment on gardiner, mechanic like post to cut down cost