सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए विशेष रूप से आयोजित हुए 18 महीने के डीएलएड को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) भले ही अब अन्य शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य बता रहा हो, लेकिन दोसाल पहले खुद एनसीटीई ने इस कार्यक्रम को मान्यता दी थी। इसमें कार्यक्रम की अवधि को विशेष रूप से दो साल से घटाकर 18 महीने किया गया था। हिन्दुस्तान के पास एनसीटीई की ओर से जारी मान्यता के आदेश की कॉपी उपलब्ध है। अठारह महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन 15 लाख शिक्षकों के लिए आयोजित स्कूलिंग (एनआईओएस) ने करीब किया गया था, जो अप्रशिक्षित थे और 13 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया शिक्षा के अधिकार कानून के चलते था। इसके लिए संसद में कानून पारित उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा कर विशेष रूप से मंजूरी ली गई थी रहा था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन और अब यह फैसला आया है।
13 लाख शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटकी
डीएलएड कोर्स करने के बाद जब बिहार के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों ने सरकारी भर्ती के लिए आवेदन किया तो बिहार सरकार ने एनसीटीई से इस बारे में राय मांगी कि क्या ये शिक्षक भर्ती के लिए योग्य हैं? इसके जवाब में एनसीटीई ने 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को अमान्य करार दे दिया। एनसीटीई के इस फैसले से इन 13 लाख शिक्षकों पर तलवार लटक गई है। हिन्दुस्तान को मिले एनसीटीई की ओर से जारी मान्यता के आदेश की कॉपी से यह साबित हो रहा है कि खुद एनसीटीई ने इस कार्यक्रम की अवधि को दो साल से घटाकर 18 महीने करने की मंजूरी दी थी।