दीक्षांत में राज्यपाल ने कहा, खाने में प्रोटीन व पोषकता को बढ़ाना समय की जरूरत


चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भोजन में प्रोटीन और अन्य पोषकतत्वों को बढ़ाना समय की जरूरत है। कहा कि मिट्टी की घटती उर्वरता, पेस्टीसाइड के अंधाधुंध प्रयोग से खाने की गुणवत्ता खराब हो रही है। खेती की ऐसी तकनीक विकसित करने की जरूरत है जिसमें प्राकृतिक साधनों को बनाए रखा जाए और गुणवत्तापरक उत्पादन लिया जाए। 


राज्यपाल ने अपने अध्यक्षयीय भाषण खान-पान से स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर को लेकर चिंता जताई। कहा कि वैज्ञानिकों के लिए आने वाले समय में जलवायु परिर्वतन बड़ी चुनौती है। किसानों की आय कैसे बढ़े? टिकाऊ कृषि कैसे हो। इस पर चिंता करने की जरूरत है। बदलते मौसम के अनुकूल विभिन्न फसलों की उपयुक्त व उन्नत वैराइटी विकसित करनी होगी। राज्यपाल ने कहा कि सूखे से निपटने के लिए तरकीब खोज की गई पर अभी भी बुंदेलखंड में असंतुलन की स्थित है। राज्यपाल ने ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा आदि की उन्नत प्रजातियां विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों का आह्वान किया। दीक्षांत समारोह के बाद राज्यपाल ने कुलपति और सभी विभागों के डीन विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की।


यूपी में पानी-पानी, बनें चेकडैम
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी-बड़ी नदियां हैं। जहां देखो पानी ही पानी फिर भी बारिश का पानी बेकार जा रहा है। चेकडैम बनें ताकि समय पर पानी करा उपयोग हो सके। राज्यपाल ने कक्षा आठ तक के 25 छात्र-छात्राओं को किताबें और स्कूल बैग दिए। उन्होंने कहा कि जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को इसलिए दीक्षांत समारोह में बुलाया ताकि वह मेडलिस्ट छात्र छात्राओं से प्रेरणा लें।



कुपोषणता -टीबी बड़ी समस्या
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि बच्चों में कुपोषणता और टीबी बड़ी समस्या है। टीबी रोगियों को गोद लेकर इसे जड़ से खत्म कर सकने के प्रधानमंत्री के आह्वान को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषणता से पीड़ित बच्चों को लेकर जाएं। गांव वाले मिलकर कुपोषणता से जंग लड़ें तो बेहतर रिजल्ट सामने होगा।



छात्राओं को किचन सम्बंधी दिए टिप्स
राज्यपाल ने कहा कि एक बेटी जब पढ़ती है तो दो परिवारों में रोशनी फैलती है। पढ़ाई के दौरान यह बताया जाता है कि पोषक खान-पान क्या है? विटामिंस प्रोटीन क्या हैं? गर्भवती महिलाओं, एनीमिया पीड़ितों, बुजुर्गों का खान-पान कैसा होना चाहिए। मगर जब वह किचन में जाती हैं तो सब भूल जाती हैं। स्वस्थ पकवान परिवार की जरूरत है। उन्होंने बेटियों की तरक्की और मेडल को लेकर छात्रों से चुटकी ली। कहा कि यह रिसर्च का विषय है कि छात्र बेटियों से क्यों पीछे जा रहे हैं।