मतभेदों को नहीं बनने देंगे विवाद


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच यहां दो दिनों तक हुई दूसरी अनौपचारिक वार्ता में दोनों नेताओं में सहमति बनी है कि वे छोटे-मोटे मतभेदों को विवाद का रूप नहीं लेने देंगे और न ही इन मतभेदों से साझा भविष्य तलाशने की कोशिशों पर असर पड़ने देंगे। दोनों नेताओं के बीच दोनों दिन कई चरणों में तकरीबन साढ़े छह घंटे चली व्यक्तिगत वार्ता में आर्थिक और कारोबारी मुद्दों पर विमर्श हुआ। इनके समाधान के लिए एक उच्चस्तरीय वार्ता तंत्र बनाने पर सहमति बनी। दोनों ने पिछले वर्ष वुहान में हुई इस तरह की पहली बैठक में सीमा पर शांति बहाली के कदमों को और मजबूती से लागू करने की बात दोहराई। इस बारे में जल्द ही अतिरिक्त उपायों की घोषणा होगी। इससे भी अहम बात यह है कि हर वर्ष रिश्तों को दिशा देने की कोशिश जारी रहेगी। इसके लिए चिन¨फग ने मोदी को न्योता दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।


चीन के राष्ट्रपति के साथ आधिकारिक स्तर की वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हम एक दूसरे की चिंताओं पर संवेदनशील रहेंगे। राष्ट्रपति चिन¨फग का बयान भी कम सकारात्मक नहीं रहा। मेहमानवाजी से गदगद चिन¨फग ने कारोबार पर भारत की चिंताओं को बखूबी समझने की बात कही। चाहे चीन से बढ़ते आयात से भारत के पक्ष में गड़बड़ाते कारोबारी घाटे की बात हो या क्षेत्रीय कारोबारी समझौते पर भारत की चिंताएं हो, चिनफिंग ने हर मुद्दे को सुना। कहा कि ऐसा समाधान निकालने का समर्थन करेंगे जिससे हर पक्ष के हितों का ख्याल रखा जा सके।