परिषदीय विद्यालयों को  "ऑपरेशन कायाकल्प  में अवस्थापना सुविधाओं से -संतृप्त किये जायेंगे

मुख्य सचिव. उ0प्र0 शासन श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी, ने शैक्षिक सत्र 2019-20 को "शिक्षा गणवत्ता उन्नयन वर्ष के रुप में मनाये जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विद्यालयों को अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त करना आवश्यक है। इस संदर्भ में पंचायतीराज विभाग द्वारा संचालित ऑपरेशन कायाकल्प" के सम्बन्ध में समय-समय पर शासनादेश तथा निर्देश निर्गत कर जनपदों को प्रेषित किये गये है. जिनमें परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना कार्य कराये जाने पर निरन्तर बल दिया गया है।


ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत यद्यपि जनपदों द्वारा विद्यालयों अवस्थापना कार्य कराये गये हैं किन्तु अभी तक इनका संतृप्तीकरण नहीं हो सका है और इस दिशा में आपको विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ''ऑपरेशन कायाकल्प' के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं एवं संतृप्तीकरण हेतु पूर्व में निर्गत शासनादेशों एवं निर्देशों के आलोक में आपकी सुविधा हेतु निम्नवत निर्देश दिये जाते है:


1. ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत चिन्हित किये जाने वाले निर्मितियों/आधारभूत संरचनाओं में प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाये। यद्यपि ग्राम पंचायत में स्थिति अन्य सार्वजनिक भवन, जैसे-पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र. विद्यालय निःसन्देह सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक हैं क्योकि इन्ही निर्मितियों में भविष्य के भारत की नीव रची जाती है। परन्तु अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्र प्राथमिक विद्यालयों में ही अवस्थित होते है इसलिये भी परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास सर्वाधिक युक्तियुक्त होगा। विविध स्तर के निर्वाचनों में भी इन्ही संरचनाओं का सर्वाधिक उपयोग होता है। इसलिए ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयोंको संतृप्त किया जाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उक्त के दृष्टिगत यह उचित होगा कि आगे से 14वें वित्त आयोग/राज्य वित्त आयोग/ग्राम निधि/अन्य मद से पोषित ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सर्वप्रथम प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय को संतप्त किया जाय।


2., ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन उचित है कि पहले चरण में उन कार्यों को पूर्ण किया जाय जो अधिक वरीयता के हैं। अगले चरण/वित्तीय वर्ष में विद्यालयों को एक इकाई मानते हुए वह कार्य कराये जाय जो एक विद्यालय को पूर्ण रुप से कायाकल्पित करने के लिये आवश्यक है। एतद क्रम में कार्यो के वरीयता क्रम का निर्धारण निम्नवत किया जाता है:। I. ब्लैक-बोर्ड। II. छात्र-छात्राओं के लिये उनकी संख्या के अनुरुप अलग-अलग शौचालय एवं मूत्रालय की व्यस्था। III.स्वच्छ पेयजल एवं मल्टीपल हैण्डवॉशिंग सिस्टम की सुविधा एवं जल निकासी का कार्य। IV.विद्यालय की दीवारों, छत तथा दरवाजे/खिड़की फर्श की वृहद मरम्मत का कार्य तथा यथासम्भव फर्श में टाइल्स लगाया जाना।V. विद्युतीकरण। VI किचन शेड का जीर्णोद्वार एवं सुसज्जीकरण VII.फर्नीचर। VIII.चहारदीवारी एवं गेट निर्माण का कार्य IX.इण्टरलॉकिंग, टाइल्स - विद्यालय प्रांगण में। X.अतिरिक्त कक्षा - कक्ष का निर्माण। XI.अन्य कार्य- स्थानीय आवश्यकतानुसार। उपर्युक्त कार्यों के संतप्तीकरण के संदर्भ में शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था बाल-मैत्रिक संरचना के अनरुप निर्मित किये जाने चाहिए। शौचालय मूत्रालय एवं पेयजल व्यवस्था हेतु संरचनात्मक कार्य के समय दिव्यांग छात्र-छात्राओं की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिएइसी क्रम में विद्यालय का जीर्णोद्वार भी इस प्रकार किया जाना चाहिए कि सभी प्रकार की टूट-फूट एवं वृहद मरम्मत एक मुश्त रुप में हो सके।


इस सम्बन्ध में निदेशक पंचायतीराज एवं मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा०), उ0प्र0 के पत्र संख्या-867/20175/41/2017, लखनऊ दिनांक-20.05.2017 का परिपालन होना चाहिए। उपरोक्त में प्रथम तीनों उप बिन्दुओं पर उल्लिखित कार्यों की कार्ययोजना प्रथम बनायी जाय तथा इसके बाद शेष कार्यों हेतु उपर्युक्त वरीयता क्रम में कार्ययोजना बननी चाहिए। यदि पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो तो एक ही बार में उक्त समस्त कार्य कराये जा सकते हैं। इसी क्रम में यह भी अपेक्षित है कि यदि विद्यालय प्रांगण में कोई अत्यन्त पुराना/जर्जर / निष्प्रयोज्य संरचना/खण्डहर पड़ा हआ हो तथा जिसका जीर्णोद्वार सम्भव न हो और उसके बने रहने से विद्यालय के बच्चों के लिये असुरक्षा की आशंका बनी हो तो ऐसे जर्जर भवन किसी भी विभाग के हों, तो सर्वप्रथम बेसिक शिक्षा अनुभाग- 5 के शासनादेश संख्या-128/68-5-2019 दिनांक-28.06.2019 के अनुरुप ऐसे अवशेष को पूरी तरह से बेसिक शिक्षा विभाग के पूर्व प्रेषित नियमों/निर्देशों के अनुसार ध्वस्त कर मलबे को युक्तियुक्त रुप से हटाया जाना अनिवार्य होगाइसके साथ यदि कहीं नये भवन की आवश्यकता हो तो, इसका प्रस्ताव बेसिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन को प्रेषित किया जाये


3. ऑपरेशन कायाकल्प में किये जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना का निर्धारण विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक है कि सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक/इंचार्ज अध्यापक अपने विद्यालय की उक्त वर्णित आवश्यकताओं के अनुसार मांग-पत्र तैयार कर अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी से अनुमोदित करायेगेंसम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी अनुमोदन के पूर्व ध्यान देंगे कि यदि कोई कार्य उक्त विद्यालय में विभागीय स्तर से होना सुनिश्चित हो तो ऐसे कार्य विभाग की निधि से ही हो, कायाकल्प में ऐसे कार्यों की मांग न की जाय। खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने विकास खण्ड के समस्त विद्यालयों के आवश्यक कार्यों सम्बन्धित मांग-पत्र संकलित कर अपने विकास खण्ड के ए0डी0ओ0 पंचायत तथा इसकी एक प्रति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करायेंगेजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जनपद के मांग-पत्र को जिला पंचायत राज अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिला पंचायत राज अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्राम पंचायत स्तर पर विद्यालय विकास योजना के अनुमोदन तथा कायाकल्प योजना के निर्माण के समय उक्त मांगों का गम्भीरता पूर्वक अनुशीलन हो, जिससे कि ग्राम निधि की धनराशि का विवेकापूर्ण प्रयोग हो सके।निदेशक पंचायतीराज उ0प्र0 के पत्र संख्या-8/814/2016-8/56/2017 लखनऊ दिनांक-20.04.2018 एवं संख्या-आर०जी०एस०ए0/201/2017-4/379/2015, । दिनांक-20.05.2017 के अनुसार ऑपरेशन कायाकल्प अभियान के अन्तर्गत ग्राम सभा का । खुली बैठक में विद्यालय विकास योजना का अनुमोदन होना चाहिए तथा तदनुसार ग्राम । पंचायत विकास योजना के अन्तर्गत प्लान-प्लस पर अपलोड के पश्चात कार्यों की भातिक प्रगति “एक्शनसॉफ्ट" सॉफ्टवेयर पर तथा "प्रियासॉफ्ट" सॉफ्टवेयर पर कार्यों का वित्तीय लेखा-जोखा रखा जाना चाहिए इसके साथ ही स्कूल शौचालय के मरम्मत के कार्य  की 


भौतिक प्रगति दर्शाने हेत नेशनल एसेट डाइरेक्टरी पर फीड कर स्थिति का अक्षांश-दशांश, मैप किया जाना अनिवार्य होगा। 4. ऑपरेशन कायाकल्प के तहत प्रस्तावित का आवश्यक है। प्रत्येक कार्य का आगणन युक्तियुक्त हा आर काय का आगणन युक्तियुक्त हो और आवश्यकता से अधिक धनराशि जाया इसक लिये विभाग द्वारा जो दर अनुसूची (SOR) निर्धारित है उनका कडाई स पालन होना चाहिए। सक्षम स्तर द्वारा तकनीकी अनश्रवण के बाद ही आगणन अनुमोदित किये जाने चाहिए। जिस विद्यालय में कायाकल्प योजना के तहत कायाकल्प सम्बन्धी कार्य किया नाच, उसक मुख्य भवन के एक ऐसे भाग पर जहाँ आम व्यक्ति की दष्टि आसानी से पड सक पान्टग कराकर प्रस्तावित कार्य एवं लागत का निम्नवत उल्लेख किया जायेगा।


1, कायाकल्प में प्रस्तावित कार्यों का वर्ष एवं विवरण.. 2. प्रस्तावित कार्यों की अलग-अलग इकाई लागत... 3. प्रस्तावित कार्यों के पूर्ण होने की सम्भावित तिथि.... इससे आम जन-प्रस्तावित कार्य एवं उसके व्यय को जान सकेंगे तथा यदि कार्य म अधोमानक प्रतीत हो अथवा अविवेकपर्ण रूप से अधिक्य वाला आगणन प्रस्तावित होता सक्षम स्तर पर इसकी शिकायत की जा सकेंगी। 5. ऑपरेशन कायाकल्प के क्रियान्वयन का सघन एवं सतत् अनुश्रवण आवश्यक है। शासनादेश संख्या-53/2018/1706/33-3-2018-68/2018, पंचायतीराज अनुभाग- 3, लखनऊ दिनांक-20.06.2018 द्वारा ऑपरेशन कायाकल्प के सन्दर्भ में गठित जनपदीय अनश्रवण समिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अनिवार्य रुप से सम्मिलित करते हुए सतत समीक्षा बैठक हो जिसमें जनपद स्तर पर किये जाने वाले कार्यों की समय-सारिणी एवं दायित्व निर्धारित करते हुए उसका अनुश्रवण किया जाये जिससे कि यथाशीघ्र समस्त परिषदीय विद्यालयों को कायाकल्पित किया जा सके। 6. ' विद्यालय के प्रांगण का सुदृढीकरण भी कायाकल्प योजना का अंग होना चाहिए। पंचायतीराज अनुभाग- 3 द्वारा निर्गत शासनादेश संख्या-1052/33-3-2018/68/2018, दिनांक- 11.04.2018 में दिये गये निर्देशों के अनुरुप, महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि को युगपित (कन्वर्जेन्स) कर प्रत्येक ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के अनुरुप विद्यालय प्रांगणों का चिन्हांकन करके आवश्यकतानुसार खड़ण्जा/इण्टर-लॉकिंग/सी०सी०रोड निर्माण कार्य अभियान चलाकर किया जाना चाहिए। इसके तहत बच्चों के लिये अपेक्षित खेल मैदान को छोड़कर संरचनात्मक कार्य किये जायेंगे।


7. सफाईकर्मी द्वारा विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों की अनिवार्य रुप से नियमित 7. सफाईकर्मी द्वारा विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों की अनिवार्य साफ-सफाई सुनिश्चित कराया जाना परम आवश्यक है। इस संदर्भ में पंचायतीराज विभाग के नवीनतम परिपत्र संख्या-2/2250/2019-2/43/विविध/2010 लखनऊ, दिनांक-27.07. 2019 के अनुपालन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का यह दायित्व होगा कि अपने खण्ड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से विद्यालय स्तर पर सफाई कर्मी द्वारा किये जाने वाले सफाई कार्य का सत्त अनुश्रवण कर तथा यदि किसी विद्यालय में सफाई कर्मी द्वारा नियमित सफाई कार्य न किया जाता हो तो जिलाधिकारी के अध्यक्षता में गठित कायाकल्प विषयक अनुश्रवण समिति को संज्ञानित कराकर, विहित प्रक्रिया के तहत सम्बन्धित सफाई कर्मी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी।


• "समग्र शिक्षा अभियान" के तहत परिषदीय विद्यालयों को प्रदत्त कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट "समग्र शिक्षा अभियान" के तहत परिषदीय विद्यालयों को प्रदत्त कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के निर्देशानुसार उपयोग का अनुश्रवण भी आवश्यक है। प्रत्येक वर्ष प्रत्येक विद्यालय को वार्षिक/दैनिक खर्चों के लिये समग्र शिक्षा अभियान के तहत पर्याप्त धनराशि दी जाती है। इसके तहत ऐसे विद्यालय जिनकी छात्र संख्या- 1 से 15 तक है तो रु0 12500/छात्र संख्या- 16 से 100 तक है तो रु0 25,000/-, छात्र संख्या- 10 से 250 तक है तो रु0 50,000/-, छात्र संख्या- 251 से 1000 तक है तो रु0 75000/- तथा छात्र संख्या- 1000 से अधिक है तो रु0 1,00,000 प्रति विद्यालय की दर से धनराशि प्रेषित का जाती है।


मुख्य सचिव. उ0प्र0 शासन।बदलना, उपभोज्य सामग्री. स्वछता सामग्री. पेन्टिंग काय, फस्ट अन्य आवर्ती खर्च के साथ-साथ आवश्यकतानुसार विद्य 1. स्वछता सामग्री, पेन्टिंग कार्य, फर्स्ट-एड-बॉक्स, आदि जैसे साथ-साथ आवश्यकतानसार विद्यालय में छोटी-छोटी मरम्मतें. आशिक प्लास्टर, पैच प्लास्टर फर्श की मरम्मत खिडकी, चौखट के पल्ले आदि का काम एवं विद्यालय की रंगाई-पुताई का कार्य कराया जाना सम्मिलित है।


राज विभाग के माध्यम चौदहवें वित्त आयोग ग्राम निधि एवं जनपद स्तर पर उपलब्ध अन्य मदों की धनराशि द्वारा परिषदीय प्र दा का धनराशि द्वारा परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, बाउण्ड्रीवाल, गेट. ..का निर्माण, बाउण्डीवाल. गेट. क्रियाशील शौचालय, रनिंग वॉटर की व्यवस्था. सबमर्शिबल पम्प ( ओवर हेड टैंक सहित) इण्टरलाकिंग टाइल्स. किचन एवं जमा कक्षा तथा बाथरूम में टाइल्स हैण्डवॉश फैसिलिटी. इण्टरनल विद्यत वॉयरिंग लाइट-फैन, फर्नीचर, एम.डी.एम. डायनिंग शेड इत्यादि अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं परिषदीय स्कूलों के परिसर में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों का विद्युतीकरण, फ्लोर कल्स व शौचालय निर्माण तथा कस्तरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बाउण्डीवॉल (ऊचाई न्यूनतम 06 फीट, गेट. भवन, मरम्मत, फर्श टाइल्स) जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को विकसित किया जाय।


यह यह भी ध्यातव्य है कि उक्त धनराशि केवल ऐसे ही कार्यों के लिये खर्च किये जायें, जिनके लिये किसी अन्य मद से व्यय किये जाने का कोई प्रावधान नही है। किसी दशा में एक ही कार्य के लिये दो मदों से धन का आहरण नहीं होना चाहिये। उक्त के अतिरिक्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों मे निर्दिष्ट कार्यों का परीक्षण एवं धनराशि का नियमानुसार उपभोग हो रहा है अथवा नहीं इसका भी सतत् अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाये। कृपया उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित करें।कृपया उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित करें।


(राजेन्द्र कुमार तिवारी) मुख्य सचिव। उप्र