राजकीय शिक्षक संघ (पाण्डेय गुट/भड़ाना गुट) तथा माध्यमिक व्यवसायिक शिक्षक संघ की मांगो पर मा0 उप मुख्यमंत्री जी की बैठक दिनांक 06.08.2019 का कार्यवृत्त।
1. श्रीमती आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन।
2. श्री आर० रमेश कुमार, सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन ।
3. श्री उदय भानु त्रिपाठी, विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन
4. श्री राजेश कुमार, विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन।
5. श्री राजीव श्रीवास्तव, विशेष सचिव, वित्त विभाग, उ0प्र0 शासन ।
6. श्री जय शंकर दुबे, संयुक्त सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन।
7. श्री शत्रुन्जय कुमार सिंह, संयुक्त सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन।
8. श्री विनय कुमार पाण्डेय, शिक्षा निदेशक (मा०शि०), लखनऊ।
9. डॉ0 महेन्द्र देव, अपर शिक्षा निदेशक (मा०शि०), प्रयागराज।
10. डॉ० अंजना गोयल, अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय), प्रयागराज।
11. श्री वी0के0 पाण्डेय, अपर राज्य परियोजना निदेशक(आर०एम०एस०ए०)।
12. श्री विकास श्रीवास्तव, उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, लखनऊ।
13. श्री राम शरण सिंह, सहायक शिक्षा निदेशक(सेवायें), लखनऊ
14. श्री पारस नाथ पाण्डेय, प्रान्तीय अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ, उ0प्र0 व अन्य प्रतिनिधि।
15. श्री सुनील कुमार भड़ाना, प्रान्तीय अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ, उ0प्र0 व अन्य प्रतिनिधि।
16. श्री तेज बहादुर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, माध्यमिक व्यावसायिक शिक्षक संघ, उ0प्र0 व अन्य प्रतिनिधि।
(क) राजकीय शिक्षक संघ (पाण्डेय गुट) की मांगों पर निर्देश/निर्णय:-
मांग बिन्दु एवं निर्देश/ निर्णय
मांग संख्या-01
मांग का बिन्दु मांग संख्या-01 राजकीय शिक्षक राज्य कर्मचारी हैं। इन शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भॉति 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा पर स्तरोन्नयनवेतनमान (ए०सी०पी०) का लाभ प्रदान किया जाय।
निर्णय------
वित्त विभाग के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि प्रकरण वित्त विभाग के स्तर पर विचाराधीन है। निर्देश दिये गये कि वित्त विभाग को अविलम्ब अनस्मारक भेजा जाय। (कार्यवाही-माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-2)
मांग संख्या-02
मांग संख्या-02 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षको की प्रथम नियुक्ति तिथि को मौलिक नियुक्ति तिथि मानकर जारी वरिष्ठता में संशोधन कर प्रमोशन किये जाय।
निर्णय------
उत्तर प्रदेश राज्य के अधीन समस्त विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की ज्येष्ठता निर्धारण हेतु "उत्तर तिथि प्रदेश सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली-1991" मानकर प्रसारित की गयी है। ज्येष्ठता नियमावली में निहित कर प्राविधानों के अन्तर्गत ज्येष्ठता सूची तैयार की जाती • निर्देश दिये गये कि अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) नियमानुसार प्रकरण का परीक्षण कर निर्णय लें। (कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक, माध्यमिक)
1-1990-91, 92 में विभागीय चयन समिति (तदर्थ) नियुक्त शिक्षकों को भी प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाय।----------- कोई निर्णय नही
2-उत्तराखण्ड से आये शिक्षकों को पारस्परिक नीति, मेडिकल, दाम्पत्य नीति आदि सभी को समान मानते हुए वरिष्ठता प्रदान की जाय।----------- कोई निर्णय नही
3-उत्तर प्रदेश में नियुक्त मण्डल परिवर्तित शिक्षको को प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाय।
निर्णय------
3- उत्तर प्रदेश में नियुक्त एवं मण्डल परिवर्तन कराकर दूसरे मण्डल में कार्यरत शिक्षको की ज्येष्ठता उनके द्वारा दिये गये विकल्प पत्र एवं शासनादेश संख्या -3814/15-2-97(37)/79 दिनांक 30.09.1997 में निहित प्राविधानों के अनुसार नवीन मण्डल में कार्यभार ग्रहण की तिथि से निर्धारित की गयी है, जो नियमानुसार सही है।
• कार्यवाही का औचित्य नहीं पाया गया।
मांग संख्या-03 राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक तथा प्रधानाचार्य पदों पर प्रोन्नति के लिये डी०पी०सी० कराई जाय।
1-प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन की डी०पी०सी० हो चुकी, पदस्थापन कराने का कष्ट करें।
निर्णय------
1-अधीनस्थ राजपत्रित (शिक्षण पुरूष/महिला शाखा) से सेवा समूह-ख प्रधानाचार्य में पदोन्नति हेतु लोक सेवा आयोग में दिनांक 17.1.2018 को डी0पी0सी0 की बैठक सम्पन्न हो चुकी है। निरीक्षण शाखा व्दारा माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में याचिका संख्या-1617/2018 उ०प्र० विद्यालय निरीक्षक संघ व अन्य बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य योजित है. जिसमें पारित निर्णय दिनांक 12.1.2018, 15.2.2018 एवं 5.3. 2018 व्दारा डी0पी0सी0 के उपरान्त परिणाम जारी करने पर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगायी है, जो अछ्तन प्रभावी हैअपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा सहायक शिक्षा निदेशक (सेवायें) को निर्देश दिये गये कि मा० उच्च न्यायालय का स्थगनादेश वैकेट कराकर लोक सेवा आयोग की डी०पी० सी० का परिणाम अविलम्ब घोषित कराने की कार्यवाही करें(कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा सहायक शिक्षा निदेशक (सेवायें)) शिक्षण पुरूष शाखा में कार्यरत प्रधानाध्यापकों की
2- प्रधानाध्यापक पदों से प्रधानाचार्य पदों पर प्रमोशन के लिए सेवाअवधि में शिथिलता हेतु मुख्य सचिव समिति में प्रस्ताव भेजा जाय।
निर्णय------
शिक्षण पुरूष शाखा में कार्यरत प्रधानाध्यापकों की सेवाअवधि में 49 प्रधानाध्यापकों को शिथिलता प्रदान की गयी थी, उक्त प्रधानाध्यापकों को दिनाक 17--01-2018 को लोक सेवा आयोग में डी०पी०सी० सम्पन्न हो चुकी है।
* अपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा सहायक शिक्षा निदेशक (सेवायें) को निर्देश दिये गये कि मा० उच्च न्यायालय का स्थगनादेश वैकेट कराकर लोक सेवा आयोग की डी0पी0 सी0 का परिणाम अविलम्ब घोषित कराने की कार्यवाही करें(कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा सहायक शिक्षा निदेशक (सेवायें)
3- एल0टी0 एवं प्रवक्ता संवर्ग से प्रधानाध्यापक पदों पर प्रमोशन हेतु प्रथम नियुक्ति की तिथि को मौलिक नियुक्ति मानते हुए प्रमोशन किये जाय।
निर्णय------
उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली1991' में निहित प्राविधानानुसार प्रसारित ज्येष्ठता सूची से ज्येष्ठताक्रम में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। अतः कार्यवाही का औचित्य नहीं पाया गया है
4- एल0टी0 से प्रवक्ता संवर्ग में 2008 से प्रमोशन नहीं हुए हैलोक सेवा आयोग से तिथि निर्धारित कराकर शीघ्र प्रमोशन किये जाय।
निर्णय------
प्रवक्ता संवर्ग पुरूष शाखा में पदोन्नति कोटे के रिक्त 1863 एवं महिला शाखा में रिक्त 1306 पदों का अधियाचन निदेशालय द्वारा लोक सेवा आयोग को भेजा गया है।
• अपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा सहायक शिक्षा निदेशक (सेवायें) को निर्देश दिये गये कि लोक सेवा आयोग से सम्पर्क कर डी०पी० सी० अविलम्ब कराने की कार्यवाही करें। (कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा सहायक शिक्षा निदेशक (सेवायें)
मांग संख्या-03 राजकीय शिक्षकों के वेतन निर्धारण में छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार बंचिग सुविधा का लाभ प्रदान किया जाय।
निर्णय------
वित्त विभाग के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि सभी राजकीय कार्मिकों के वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग द्वारा एक ही मापदण्ड निर्धारित हैं तथा बचिंग सुविधा का आशय स्पष्ट नहीं हैवित्त विभाग के प्रतिनिधि द्वारा यह अपेक्षा की गयी कि यदि कोई प्रकरण बनता है तो उदाहरण सहित प्रस्ताव वित्त विभाग के परामर्श/अभिमत हेतु भेजा जा सकता है। • अपर शिक्षा निदेशक(मा०) को निर्देश दिये गये कि वित्त नियंत्रक से परीक्षण करा कर यदि कोई प्रकरण विसंगति का बनता है तो वित्त विभाग के परामर्श हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जाय। (कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक,माध्यमिक)
मांग संख्या-04 एल0टी0 प्रोन्नत वेतनमान वेतन बैण्ड 15600-39100 के ग्रेड वेतन 5400/- में वेतन निर्धारण के समय मूल वेतन में रू0 200/कम हो जाता है इसलिये जारी वेतन मैट्रिक्स में संशोधन किया जाय।
निर्णय------
वित्त विभाग के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि सभी राजकीय कार्मिकों के वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग द्वारा एक ही मापदण्ड निर्धारित हैं, कम वेतन निर्धारण होने का औचित्य नहीं है।
मांग संख्या-05 छठे वेतनमान में चयन एवं प्रोन्नति वेतनमान पर राजकीय शिक्षकों को एक-2 वेतनवृद्धि का लाभ देकर वेतन निर्धारण किया जाय, क्योंकि ए0सी0पी0 में प्रत्येक स्तर पर एक वेतनवृद्धि का लाभ देकर वेतन निर्धारण की व्यवस्था है।
निर्णय------
वित्त विभाग के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि सभी राजकीय कार्मिकों के वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग द्वारा एक ही मापदण्ड निर्धारित हैं, इससे इतर व्यवस्था किया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है
मांग संख्या-06 एस0डी0आई0 संवर्ग की भांति एल०टी०, प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के वेतनमान क्रमशः 4800/, 5400/, 6600/ एवं 7600/ ग्रेड वेतन में उच्चीकृत किया जाय।
निर्णय------
वित्त विभाग के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि सम्प्रति मांग पर विचार किया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है। अगले वेतन आयोग के समय मांग आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है। (कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक(मा०) तथा शिक्षा निदेशक,माध्यमिक)
मांग संख्या-07 एस०डी० आई० संवर्ग की भांति 4800 ग्रेड पे में कार्यरत एल0टी0 एवं प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों के पदों को राजपत्रित घोषित किया जाय।
निर्णय------
एस०डी०आई० संवर्ग का कार्य प्रशासनिक प्रकृति का हैतथा एल0टी0 एवं प्रवक्ता संवर्ग का कार्य शिक्षण हैअत: 4800 ग्रेड पे में कार्यरत एल0टी0 एवं प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों के पदों को राजपत्रित घोषित किये जाने की मांग औचित्यपूर्ण नहीं पायी गयी।
मांग संख्या-08 एस०डी०आई० संवर्ग (खण्ड शिक्षाधिकारी) पद बेसिक का हैइसलिये इन पदों को बेसिक शिक्षा तक ही सीमित रखकर इनकी पदोन्नति राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में न करके बेसिक शिक्षा के पदों पर ही की जाय एवं 17 प्रतिशत कोटा समाप्त किया जाय।
निर्णय------
. अपर शिक्षा निदेशक(मा०) को निर्देश दिये गये कि प्रकरण का परीक्षण अविलम्ब किया जाय(कार्यवाही-अपर शिक्षा निदेशक,माध्यमिक)
मांग संख्या-09 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन नीति का लाभ दिया जाय। मांग संख्या-10 बाल्य देख भाल अवकाश की स्वीकृति का अधिकार विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक को दिया जाय।
निर्णय------
औचित्य नहीं पाया गया।
मांग संख्या-10 बाल्य देख भाल अवकाश की स्वीकृति का अधिकार विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक को दिया जाय
निर्णय------
शासनादेश संख्या -2477/15-18-95-9(11)/94 दिनांक 12 दिसम्बर, 1995 व्दारा प्रवक्ता एवं एल०टी० वेतनकम के पुरूष/महिला अध्यापकों के चार माह तक का नियमानुसार अवकाश स्वीकृत करने तथा परिणामी व्यवस्था करने हेतु मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक(मा०) को अधिकृत किया गया हैशासन व्दारा महिला कर्मचारियों को वर्ष 2008 से बाल्य देखभाल अवकाश की भी सुविधा प्रदान की गयी है। • शिक्षा निदेशक(मा०) को निर्देश दिये गये कि बाल्य देखभाल अवकाश, प्रसूति अवकाश, अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिये जाने का अधिकार नियमानुसार मण्डलीय उप शिक्षा निदेशक(मा०) को प्रतिनिहित किये जाए(कार्यवाही-शिक्षा निदेशक,माध्यमिक)
मांग संख्या-11 बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के बण्डल वाहक जैसे अमर्यादित कार्य में राजकीय शिक्षकों को न लगाया जाय। (ख) राजकीय शिक्षक संघ ।
निर्णय------
औचित्यपूर्ण नहीं पाया गया