सचिवालय सेवा सघों को चुनाव कराने हेतु मिली नोटिस

असल में सचिवालय के विभिन सेवा सघों का चुनाव सात-आठ वर्षो से नहीं हो रहे जबकि दो वर्षो में चुनाव कराने का प्राविधान है इन्ही प्राविधानों का उल्लेख करते हुए सचिवालय प्रशासन के संयुक्त सचिव राजीव श्रीवास्तव ने कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से निर्देश दिया की (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली, 1979 यथासंशोधित-2001 के प्राविधानुसार संघ अपने पदधारियों का निर्वाचन अपनी उपविधियों में विहित अवधि के भीतर या 02 वर्षों के भीतर, जो भी पहले हो, कराने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश सचिवालय में मान्यता प्राप्त समस्त सेवा संघों में से केवल उ०प्र० सचिवालय निजी सचिव संघ, उ0प्र0 सचिवालय विधान भवन रक्षक संध एवं उ०प्र० सचिवालय कम्प्यूटर सहायक एवं सहायक समीक्षा अधिकारी संघ को छोड़कर अन्य शेष 08 सेवा संघों का कार्यकाल अद्यतन समाप्त हो चुका है। पूर्व में सचिवालय प्रशासन अनुभाग-1(अधि०) के पत्र संख्या-1670 /बीस-1-ई-2019-510/ 89टीसी दिनांक 30.12.2016, पत्र संख्या-358/बीस-1-ई-2019-510 /89टीसी दिनांक 17.05.2017. पत्र संख्या-2424 /बीस-1-ई-2019-510/ 89टीसी, दिनांक 22.12.2017, पत्र संख्या-1856/बीस1-ई-2019-510/ 89टीसी दिनांक  30.10.2018 एवं पत्र संख्या-728/बीस-1ई-2019-510/89टीसी  दिनांक 18.04.2019 द्वारा समय-समय पर संबंधित सेवा संघों को कार्यकाल समाप्त होने के दृष्टिगत नयी कार्यकारणी का निर्वाचन कराये जाने हेतु अपने स्तर से निर्वाचन अधिकारी नामित कराते हुए निर्वाचन कार्यक्रम सचिवालय प्रशासन अनुभाग-1(अधिo) को उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया गया है। तत्क्रम में संबंधित सेवा-संघों द्वारा वांछित सूचना शासन को उपलब्ध नहीं करायी गयी है।


 एतदद्वारा उ०प्र० सचिवालय के उपरोक्त 03 सेवा संघों को छोड़कर अन्य शेष सम्बन्धित सेवा संघों को अंतिम बार यह निर्देशित किया जाता है कि वे अपने-अपने संघों की नयी कार्यकारिणी का निर्वाचन कराये जाने हेतु अपने स्तर से अविलम्ब निर्वाचन अधिकारी नामित कराते हुये निर्वाचन कार्यक्रम शासन को 01 सप्ताह में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, अन्यथा की स्थिति में उक्त नियमावली के संगत प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी व सम्बन्धित संघ को न तो किसी प्रकार अनुदान अनुमन्य होगा, न उनके किसी प्रत्यावेदन/मांग-पत्र पर विचार किया जायेगा और न ही उनसे किसी प्रकार की आधिकारिक वार्ता ही की जायेगी।