वित्त विहीन विद्यालयों  अंशकालिक /शिक्षकों के शिक्षक विधयाक हेतु निर्वाचन में वोटिंग के अधिकार के  सम्बन्ध में।

कार्यालय मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश। चतुर्थ तल विकास भवन, जनपथ मार्केट लखनऊ-226001 मण्डलायुक्त, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली तथा गोरखपुर। एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, लखनऊ खण्ड शिक्षक, वाराणसी खण्ड शिक्षक, आगरा खण्ड शिक्षक, मेरठ खण्ड शिक्षक, बरेली-मुरादाबाद खण्ड शिक्षक तथा गोरखपुर-फैजाबाद खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र।  कार्यालय के पत्र संख्या 1982/सीईओ-2-18/2-2019 दिनांक 18.10.2019 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जो प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित एवं आपको पृष्ठांकित की गई थी2- तत्क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि संयुक्त सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के पत्र संख्या 1472/15-8-2019-3030/2019 दिनांक 23.10.2019 द्वारा प्रास्थिति के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट की गई है, की प्रति मूल रूप में संलग्न कर प्रेषित की जा रही है। कृपया तद्नुसार अवगत होने का कष्ट करें।


शिक्षा निदेशक मा ने शिक्षक विधायक निर्वाचन में प्रदेश के वित् विहीन विद्यालयो के शिक्षकों के मताधिकार के सम्बन्ध में संयुक्त सचिव, माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन को लिखा पत्र संख्या-1470 /15-8-2019-3030/2019 दिनांक 22 अक्टूबर, 2019 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उoप्रo, लखनऊ के पत्र संख्या-1982/सी0ई0ओ0-2-18/2-2019 दिनांक 18 अक्टूबर, 2019 की प्रति संलग्न करते हुए सूचना/अद्यतन स्थिति उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गयी है।


उक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उ0प्र0 के उपरोक्त सन्दर्भित पत्र के प्रस्तर-3 में वर्णित माध्यमिक शिक्षा विभाग के पत्र संख्या-177/15-8-2916-3002/2016 दिनांक 29 फरवरी, 2016 के साथ संलग्न पत्र संख्या-62/15-7-2013 दिनांक 20-1-2014 तथा पूर्व पत्र संख्या-57/15-8-2016-3002/2016 दिनांक 20-1-2016 एवं उसके साथ संलग्न शिक्षा निदेशक(मा०), उ0प्र0, लखनऊ के पत्र दिनांक 14-1-2016 के द्वारा वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में सम्पूर्ण स्थिति पूर्व में ही स्पष्ट की जा चुकी है, जो यथावत है। तद्नुसार पूर्व में भी वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अर्ह शिक्षकों को शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया है।


शासनादेश संख्या-ईएम 1443/15-7-2001-1(191)/2000 दिनांक 10 अगस्त, 2001 द्वारा वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अध्यापकों की सेवा शर्ते निर्धारित की गयी हैं, जिनमें प्रबन्धतंत्र द्वारा सम्पूर्ण शिक्षण सत्र के लिए नियमित भुगतान, यथाविधि भविष्य निधि तथा जीवन बीमा की योजना में नियोजक का अंशदान प्रबन्धतंत्र द्वारा अपने निजी स्रोतों से दिये जाने आदि की व्यवस्था हैवित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अध्यापक को "अंशकालिक अध्यापक' का नाम प्रदान किया गया है, किन्तु इनके द्वारा विद्यालय में सम्पूर्ण शिक्षण सत्र के लिए नियमित रूप से शिक्षण कार्य किये जाने एवं तदनुसार प्रबन्धतंत्र द्वारा निजी स्रोतों से भुगतान की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त परिषदीय परीक्षाओं के संचालन में केन्द्र व्यवस्थापक, परीक्षक आदि का कार्य भी किया जाता है।


भारत निर्वाचन आयोग के परिपत्र संख्या-37 दिनांक 5-9-2016 के प्रस्तर-2.3.4 के अनुसार अर्हता तिथि से ठीक पहले 06 वर्ष के भीतर कम से कम 03 वर्ष की कुल अवधि के लिए विनिर्दिष्ट शिक्षण संस्थाओं में अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षक, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक के रूप में अपना नाम नामावली में दर्ज करा सकते हैं। उक्त के स्पष्टीकरण-1 में शिक्षक का क्रियात्मक रूप से पूर्णकालिक होना आशयित है। उक्त के स्पष्टीकरण-2 में यह कहा गया है कि मा० इलाहाबाद उच्च न्यायालय (लखनऊ बेंच) के वर्ष 2008 की रिट याचिका संख्या-1269(एम0बी0)/2008 में दिनांक 5 मार्च, 2008 (माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालय प्रबन्धक महासभा बनाम् उ0प्र0 राज्य) के आदेश के आलोक में सहायता न प्राप्त निजी विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों के नाम भी निर्वाचक नामावली में शामिल किये जायेंगे, जो इस हेतु इच्छुक हों तथा सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक से अपेक्षित सेवा की कालावधि पूर्ण करने व विनिर्दिष्ट शिक्षण संस्था में वास्तविक रूप से शिक्षक/शिक्षिका होने सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रतिहस्ताक्षरित कराकर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को प्रस्तुत करते हैं।


इस सम्बन्ध में अधोहस्ताक्षरी द्वारा पत्रांक शिविर/15994-16094/2019-20 दिनांक 4-10-2019 द्वारा समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके कम में जनपदों में गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों (पदनाम-अंशकालिक शिक्षक): सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक से आवश्यक प्रमाण-पत्र अनुबन्ध-2 में प्रतिहस्ताक्षरित कराकर प्रारूप-19 सम्बन्धित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को जमा कराने की कार्यवाही गतिमान है।


 


संयुक्त सचिव संतोष कुमार रावत  उत्तर प्रदेश शासन  ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उ0प्र0 लखनऊ को लिखा पत्र   उपर्युक्त विषयक अपने पत्र संख्या-1982/सी0ई0ओ0-2-18/2-2019 दिनांक 18-10-2019 का कृपया सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शिक्षा निदेशक(मा०) के पत्र दिनांक 23.10.2019 द्वारा उपलब्ध कराई गई आख्या के आधार पर अवगत कराना है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उ0प्र0 के उपरोक्त सन्दर्भित पत्र के प्रस्तर-3 में वर्णित माध्यमिक शिक्षा विभाग के पत्र संख्या-177/15-8 -2916-3002/2016 दिनांक 29 फरवरी, 2016 के साथ संलग्न पत्र संख्या-62/15-7-2013 दिनांक 20-1-2014 तथा पूर्व पत्र संख्या- 57/15-8-2016 -3002/2016 दिनांक 20-1-2016 एवं उसके साथ संलग्न शिक्षा निदेशक(मा०), उ0प्र0, लखनऊ के पत्र दिनांक 14-1-2016 के द्वारा वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सम्बन्ध में सम्पूर्ण स्थिति पूर्व में ही स्पष्ट की जा चुकी है, जो यथावत है। तद्नुसार पूर्व में भी वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अर्ह शिक्षकों को शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया है। 


शासनादेश संख्या-ईएम 1443/15-7-2001-1(191)/2000 दिनांक 10 अगस्त, 2001 द्वारा वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अध्यापकों की सेवा शर्ते निर्धारित की गयी हैं, जिनमें प्रबन्धतंत्र द्वारा सम्पूर्ण शिक्षण सत्र के लिए नियमित भुगतान, यथाविधि भविष्य निधि तथा जीवन बीमा की योजना में नियोजक का अंशदान प्रबन्धतंत्र द्वारा अपने निजी स्रोतों से दिये जाने आदि की व्यवस्था है। वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के अध्यापक को "अंशकालिक अध्यापक" का नाम प्रदान किया गया है, किन्तु इनके द्वारा विद्यालय में सम्पूर्ण शिक्षण सत्र के लिए नियमित रूप से शिक्षण कार्य किये जाने एवं तद्नुसार प्रबन्धतंत्र द्वारा निजी स्रोतों से भुगतान की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त परिषदीय परीक्षाओं के संचालन में केन्द्र व्यवस्थापक, परीक्षक आदि का कार्य भी किया जाता है।


भारत निर्वाचन आयोग के परिपत्र संख्या-37 दिनांक 5-9-2016 के प्रस्तर-2.3.4 के अनुसार अर्हता तिथि से ठीक पहले 06 वर्ष के भीतर कम से कम 03 वर्ष की कुल अवधि के लिए विनिर्दिष्ट शिक्षण संस्थाओं में अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षक, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक के रूप में अपना नाम नामावली में दर्ज करा सकते हैं। उक्त के स्पष्टीकरण-1 में शिक्षक का कियात्मक रूप से पूर्णकालिक होना आशयित है उक्त के स्पष्टीकरण  में यह कहा गया है कि मा० इलाहाबाद उच्च न्यायालय (लखनऊ बेंच) के वर्ष 2008 की रिट याचिका संख्या-1269(एम0बी0)/2008 में दिनांक 5 मार्च, 2008 (माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालय प्रबन्धक महासभा बनाम् उ0प्र0 राज्य) के आदेश के आलोक में सहायता न प्राप्त निजी विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों के नाम भी निर्वाचक नामावली में शामिल किये जायेंगे, जो इस हेतु इच्छुक हों तथा सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक से अपेक्षित सेवा की कालावधि पूर्ण करने व विनिर्दिष्ट शिक्षण संस्था में वास्तविक रूप से शिक्षक/शिक्षिका होने सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रतिहस्ताक्षरित कराकर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को प्रस्तुत करते हैं। इस सम्बन्ध में शिक्षा निदेशक(मा०) के पत्रांक शिविर/15994-16094/2019-20 दिनांक 4-10-2019 द्वारा समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके क्रम में जनपदों में गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों (पदनाम–अंशकालिक शिक्षक) द्वारा सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक से आवश्यक प्रमाण-पत्र अनुबन्ध-2 में प्रतिहस्ताक्षरित कराकर प्रारूप-19 सम्बन्धित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को जमा कराने की कार्यवाही गतिमान है