हिंसा भड़काने में पीएफआई का हाथ


उप मुख्यमंत्री डॉ0  दिनेश शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में हुई हिंसा में सिमी के छोटे रूप पॉपुलर फ्रंट ऑफ  इंडिया संगठन का हाथ हो सकता है। इसमें कई ऐसे लोग हैं  जो पूर्व में सिमी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों को हास्यास्पद और गैर जिम्मेदाराना बताया। कहा कि सीएए पर अखिलेश के विचारों से उनका परिवार ही उनसे सहमत नहीं है। 


मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव कह रही हैं कि यह कानून बहुत अच्छा है। इससे वंचितों को उनका अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि सीएए से किसी को नुकसान नहीं होगा बल्कि दशकों से नागरिकता के अभाव का दंश झेल रहे हजारों हिन्दू सिख, बौद्ध, पारसी, और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि 2014, 2017, 2019 में हुए विधानसभा उपचुनाव में जिन्हें प्रदेश की जनता ने नकार दिया था वे लोग पर्दे के पीछे से प्रदेश में हिंसा को भड़का रहे हैं।


 21 जिलों में हुए उपद्रव में 288 पुलिस कर्मी  हुए घायल


 उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 21 जिलों में हुए उपद्रव में 288 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। इनमें से 62 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए हैं। उपद्रव में 15 लोगों की मौत हुई है। घटनास्थल पर 500 से ऊपर नॉन प्रतिबंधित बोर के तमंचे और खोखे बरामद हुए हैं। जिसका सीधा मतलब है कि इस प्रदर्शन को हिंसक बनाने का प्रयास किया गया।