शिक्षण संस्थान का हृदय होता है पुस्तकालय


 


 


 


 


 



 डा.दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकालय कियी भी शिक्षण संस्थान का हृदय होता है। यह शिक्षण संस्थान की उत्कृष्टता का पैमाना होता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कहा जाता है कि अगर लन्दन की आर्थिक स्थिति को जानना है तो हाउस ऑफ कामन्स को नहीं बल्कि लन्दन के स्टाक एक्सचेन्ज को देखना चाहिए। इसी प्रकार से किसी शिक्षण संस्थान के बारे में जानने के लिए वहां के पुस्तकालय को देखना चाहिए।उन्होंने कहा कि जितना अच्छा पुस्तकालय उतना ही बेहतर वह शिक्षण संस्थान होता है। पुस्तकालय में सूचनाओं का भंडारण होता है। यहां पर बौद्धिक संपदा से सम्बद्ध सामग्री का प्रयोग होता है। यहां पर ज्ञान के संचरण के जरिए भविष्य का संरक्षण भी होता है।  डा.शर्मा, आशियाना स्थित डा.राम मनोहर लोहिया विविद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।  डिप्टी सीएम ने कहा कि आज समय के बदलाव के साथ भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया जैसे आयाम दिए हैं। आधुनिकीकरण के इस दौर में भारत का दुनिया में एक विशेष स्थान है। आज पठन पाठन के स्वरूप में भी बदलाव आया है। समय के बदलाव के कारण लोगों की तकनीक पर निर्भरता बढ़ी है। ऐसे समय में डिजिटलीकरण सूचनाओं के आदान प्रदान में अहम हो गया है। आज इस दौर में व्यक्तिगत रूप से पुस्तकालय जाने की जरूरत नहीं है बल्कि इंटरनेट के जरिए किसी भी समय पुस्तकों के बारे में तथा पठन सामग्री के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।