उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं हेतु परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण।

आर० रमेश कुमार, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने कुलसचिव, समस्त राज्य विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश को लिखा मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर नियंत्रण करने, परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता एवं पारदर्शिता तथा शांति-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से परीक्षाओं के आयोजन हेतु परीक्षा केन्ा के निर्धारण के सम्बन्ध में शासनादेश संख्या-09/2018/1036/सत्तर-1-2018-16(9)/2018 दिनांक 15 नवम्बर, 2018 (यथा संशोधित) द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये थे। उपर्युक्त शासनादेश को संशोधित करते हुये परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर नियंत्रण करने हेतु निम्नांकित निर्णय लिये गये हैजिन अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववितापोषित महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया जाय उनमें प्रवेश द्वार सहित प्रत्येक परीक्षा कक्ष में वायस रिकार्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरा एवं रिकार्डिंग हेतु डी0वी0आर0 तथा पारदर्शितापूर्ण नकल विहीन परीक्षा कराये जाने एवं उसकी वेबकास्टिंग द्वारा मानीटरिंग किये जाने के उद्देश्य से वायस रिकार्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरे के डी0वी0आर0 के साथ राउटर डिवाइस लगा होना अनिवार्य होगा। परीक्षा कक्ष के आकार को दृष्टिगत रखते हुए कैमरों की संख्याए एक कक्ष में न्यूनतम दो व जहाँ कक्षहाल का आकार सामान्य से बड़ा है तो इससे अधिक कैमरे इस प्रकार स्थापित किये जार्य कि सम्पूर्ण परीक्षा कक्ष स्पष्ट रूप से कैमरों की कवरेज में आ जाय। प्रत्येक सी0सी0टी0वी0 कैमरे में वायस रिकार्डर एवं डी0वी0आर0 के साथ राउटर डिवाइस लगा होना अनिवार्य है। सर्वप्रथम राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया जाय, तत्पश्चात स्थवितपोषित महाविद्यालयों को आवश्यकतानुसार परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया जाय। परीक्षा केन्द्र बनाये जाने वाले महाविद्यालयों में प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा एवं गोपनीयता अक्षुण्ण रखे जाने हेतु तथा उत्तर पुस्तिकाओं को सुरक्षित एवं समुचित रख-रखाव के लिये कम से कम दो लोहे की अलमारियां सहित स्ट्रांग रूम की उपयुक्त व्यवस्था होनी चाहिए। परीक्षा केन्द्र बनाये जाने वाले महाविद्यालयों के चारों ओर सुरक्षित चहारदीवारी एवं मुख्य प्रवेश द्वार पर लोहे के गेट की व्यवस्था अनिवार्य होगी। महाविद्यालयों की आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं में महाविद्यालय की स्थिति, उसकी धारण क्षमता, फर्नीचर, विद्युत कनेक्शन, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था तथा सड़क मार्ग से महाविद्यालयों के मध्य दूरी इत्यादि को दृष्टिगत रखा जाय तथा उक्त सुविधाओं के अभाव में महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र न बनाया जाय। परीक्षा केन्द्र चयनित करते समय महाविद्यालय में उपलब्ध भौतिक संसाधन युक्त पक्के, लिंटर्ड शिक्षण कक्षों (प्रयोगशाला कक्ष, स्टाफ कक्ष, प्राचार्य कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, क्रीडा कक्ष को छोड़ कर) में उपलब्ध फर्नीचर के अनुसार एक पाली की परीक्षा में नियमानुसार व्यवस्थित रूप से बैठकर परीक्षा दे सकने वाले परीक्षार्थियों की संख्या अर्थात महाविद्यालय की धारण क्षमता 19. परीक्षाओं में भी पूर्व की भांति प्रत्येक परीक्षा कक्ष में (परीक्षा कक्ष के आकार को दृष्टिगत रखते हुये) दो कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था लागू रहेगी। राजकीय एवं सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के जो शिक्षक इयूटी/परीक्षा सम्बन्धी कार्यों के निष्पादन विषयक आदेशों की अवहेलना करेंगे या सौपे गये कार्यों को नहीं करेंगे, उन्हें अनुपस्थित माना जायेगा तथा तदुसार उनका वेतन काट लिया जाय। 20. परीक्षा कक्ष के द्वार पर ए.4 साइज के पेपर पर परीक्षा कक्ष में तैनात कक्ष निरीक्षकों के फोटोयुक्त विवरण यया-नाम, पदनाम, अध्यापन का विषय आदि का विवरण प्रत्यके पाली में चस्पा किया जाय। परीक्षा अवधि में परीक्षा व्यवस्था से जुड़े व्यक्तियों से इतर वाह्य व्यक्तियों का परीक्षा केन्द्र में प्रवेश वर्जित होगा। परीक्षाओं में भविष्य में औचक निरीक्षण हेतु गठित सचल दल में महिला निरीक्षणकर्ता की अनिवार्य व्यवस्था की जाय तथा जिन परीक्षा केन्द्रों पर महिला परीक्षार्थी आवंटित की गयी हैं वहां पर महिला कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था की जाय। किसी भी दशा में सचल/निरीक्षण दल के पुरुष सदस्य द्वारा महिला परीक्षार्थियों की तलाशी नहीं ली जायेगी। महिला परीक्षार्थियों की तलाशी सचल दल की महिला निरीक्षणकर्ता द्वारा ही की जायेगी। परीक्षा कक्ष में निरीक्षण दल/सचल दल के सदस्य एवं पर्यवेक्षक ही प्रवेश कर सकेंगे, अन्य व्यक्तिर्या का प्रवेश वर्जित होगा। परीक्षा केन्द्र बनाये जाने वाले महाविद्यालय में अग्निशमन के निर्धारित मानकों के अनुसार समुचित प्रबंध अनिवार्य होगा। अग्निशमन के संसाधनों यथा फायर एक्सर्टीग्विशर, पानी की बाल्टियां एवं रेत आदि की व्यवस्था वांछनीय होगी। सभी अग्निशमन यंत्र नवीनीकृत होने चाहिए। 23 परीक्षा केन्द्र बनने वाले महाविद्यालयों में विपत की अबाध आपूर्ति की व्यवस्था होनी चाहिए जिसके दृष्टिगत जेनरेटर का भी वैकल्पिक प्रबंध होना अनिवार्य होगा। 24- परीक्षा केन्द्र बनाये जाने वाले महाविद्यालयों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था एवं शौचालय होना अति आवश्यक होगा एवं छात्र/छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होना अति आवश्यक होगा। 25. परीक्षा केन्द्र बनाये जाने वाले महाविद्यालय मुख्य/सम्पर्क सर्वऋतु मार्ग से जुड़ा हो, ताकि वहां आसानी से पहुंचा जा सके और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता की आकस्मिक जांच एवं नकल विहीन परीक्षाओं का पर्यवेक्षण सुगमता पूर्वक हो सके। राजकीय महाविद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों एवं स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों की पूर्ण धारण क्षमता का उपयोग करते हुए परीक्षार्थियों का आवंटन किया जाय। 27- एक परीक्षा केन्द्र पर एक से अधिक महाविद्यालय के परीक्षार्थियों को परीक्षा हेतु आवंटित किया जाय। 28. यह सुनिश्चित किया जाय कि किसी भी दशा में परीक्षा केन्द्र पर तम्बू कनात लगाकर या खुले में परीक्षाएं आयोजित न करायी जाय। एक ही प्रबन्धक द्वारा संचालित एक से अधिक महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं का परीक्षा केन्द्र उसी प्रबन्धक के अधीन संचालित अन्य महाविद्यालयों पर किसी भी दशा में आवंटित न किया जाय इसके साथ ही विभिन्न प्रबन्धकों द्वारा संचालित महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं के परीक्षा केन्द्र पारस्परिक आधार पर निर्धारित किये जाने का भी निषेध किया जाता है। इस प्रकार ऐसे केन्द्रों का आवंटन कदापि न किया जाय। इसी के साथ ही प्रवन्ध-तंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर उसी प्रबन्ध तंत्र में संचालित महाविद्यालय के अध्यापकों को निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगायी जाय। 30 विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा यह प्रमाणित किया जायेगा कि एक ही प्रवन्धक द्वारा संचालित एक से अधिक महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं का परीक्षा केन्द्र उसी प्रबन्धक के अधीन संचालित अन्य महाविद्यालयों पर नहीं आवंटित किया गया है. विभिन्न प्रवन्धकों द्वारा संचालित महाविद्यालय के जत्र/छात्राओं के परीक्षा केन्द्र पारस्परिक आधार पर निर्धारित नहीं किया गया है तथा एक ही प्रवन्ध-तंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर उसी प्रबन्ध-तंत्र में संचालित महाविद्यालय के अध्यापकों को निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर कक्ष निरीक्षक की इयूटी नहीं लगायी गयी है। दिव्यांग छात्र/छात्राओं को, यदि उनका महाविद्यालय परीक्षा केन्द्र बनाया गया है, तो स्वकेन्द्र की सुविधा दी जाय। अन्यथा स्थिति में ऐसे महाविद्यालयों के दिव्यांग पत्र/छात्राओं को यथास्थिति स्थानीय/निकटस्थ परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा देने हेतु समायोजित किया जाएगा। जिन महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया जाय उनमें महाविद्यालय के प्राचार्य यदि डिवार नहीं किए गए है तो केन्द्र व्यवस्थापक के रूप में नियुक्त किए जायेंगे। ऐसे महाविद्यालय जहों के प्राचार्य डिबार है वहां वाह्य केन्द्राध्यक्ष की नियुक्ति की जायेगी। परीक्षा के दौरान 200 मीटर तक प्रबन्ध समिति अथवा अन्य व्यक्ति जो परीक्षा कार्य से सम्बन्धित नहीं है, उन्हें प्रवेश न दिया जाय। प्रश्नपत्र यथासम्भव शासकीय महाविद्यालय/विश्वविद्यालय से सी0सी0टी0वी0 कैमरे की निगरानी में वितरित/प्राप्त किये जायें। परीक्षा केन्द्रों के आंवटन हेतु आवेदन केवल आनलाइन किया जायेगा, निचित तिथि के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे। आवेदन के समय शासनादेशों में वांछित सभी सूचनाओं को सम्बन्धित महाविद्यालय द्वारा पूर्ण विवरण के साथ देना होगा। 36. समय-समय पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी परीक्षा केन्द्रों के आंवटन की प्रक्रिया की पारदर्शिता का परीक्षण करेंगे। विसंगति/आपत्ति प्राप्त होने पर सम्बन्धित विश्वविद्यालय को उक्त परीक्षा केन्द्र को निरस्त करना होगा। यथा सम्भव उत्तर पुस्तिकाये परीक्षा समाप्ति के 02 घण्टे के भीतर सी0सी0टी0वी0 कैमरे की निगरानी मै सम्बन्धित जिले के शासकीय महाविद्यालय के उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्र पर जमा की जायेगी। जिला/विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समन्वय स्थापित करके प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जायेगा। 39. परीक्षा केन्द्र के भीतर पुस्तक, गाइड, कम्प्यूटर, मोबाइल व कैलकुलेटर अनुमन्य नहीं होंगे, इसकी सूचना पहले से ही विद्यार्थियों को देनी होगी। (1) समस्त परीक्षा केन्द्रो पर राउटर लगाये जाने के पचात् केन्द्र व्यवस्थापको/ प्राचार्या द्वारा पारदर्शितापूर्ण परीक्षा संचालन की वेबकास्टिंग व्यवस्था की जायेगी। प्रत्येक परीक्षा केन्द्रों के केन्द्र व्यवस्थापको/प्राचार्या द्वारा केन्द्र में लगे DVR का आई०पी0 एड्रेस उनकी यूजर आई0डी0 एवं पासबई एक सील बन्द लिफाफे में परीक्षा प्रारम्भ के एक माह पूर्व ही सम्बन्धित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। (2) क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने कार्यालय स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम बनाया जायेगा, जिसे जनपदीय राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र में सुविधानुसार स्थापित किया जा सकता है कन्ट्रोल रूम हेतु आवश्यक कम्प्यूटर्स आदि की व्यवस्था क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी द्वारा ऐसे महाविद्यालयों से लेकर की जायेगी जो परीक्षा केन्द्र नहीं बने हैं। (3) कन्ट्रोल रूम में प्रत्येक कम्प्यूटर पर अधिकतम 15 से 16 परीक्षा केन्द्रो के सतत निरीक्षण हेतु राजकीय महाविद्यालयों के दो-दो शिक्षकों की इयूटी लगायी जायेगी। निरीक्षण में परीक्षा केन्द्रों पर किसी प्रकार की अनुचित स्थिति परिलक्षित होने पर अथवा सी0सी0टी0वी0 आदि सही ढ़ग से कार्य नहीं करने पर उसकी सूचना तत्काल क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सचल दलों को दी जायेगी। इसके साथ ही इसको दैनिक रूप से एक निरीक्षक पंजिका में भी अंकित किया जायेगा। (4) क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्तर पर बनाये गये इस कन्ट्रोल रूम की मोनिटरिंग जिलाधिकारी द्वारा नामित किसी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा की जायेगी। 41- समस्त परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा सम्बन्धी गतिविधियों की दैनिक रिपोर्ट को संकलित करने एवं उसका विश्लेषण कर नियमानुसार कार्यवाही करने एवं आवश्यतकतानुसार शासन को संदर्भित करने हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज नोडल अधिकारी होंगे। परीक्षा सम्बन्धी गतिविधियों की दैनिक रिपोर्ट को संकलित करने हेतु प्रारूप संलग्न किया जा रहा है। उक्त प्रारूप पर सूचना निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज की ई मेल irfordepaomपर दैनिक रूप से रात्रि 09:00 बजे तक प्रेषित की जाय। निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा परीक्षा समाप्ति के उपरान्त अनुचित साधनों के प्रयोग में आरोपित छात्र छात्राओं, महाविद्यालय के प्रबन्धन, शिक्षक/शिक्षणेतर कार्मिकों/अन्य व्यक्तियों के सम्बन्ध में संकलित सूचना शासन को प्रतिदिन नियमित रूप से उपलब्ध करायी जायेगी। उपरोक्त दिशा-निर्देशों का यथावत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा तदनुसार अग्रतर आवश्यक कार्यवाही समयान्तर्गत पूर्ण कर ली जाय।